आने वाले कुछ महीनों में आम जनता को पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि अगर कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें मौजूदा स्तर यानी करीब 65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहती हैं, तो दो-तीन महीने में ईंधन की कीमतों में कमी देखी जा सकती है।
फिलहाल देश के बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। उदाहरण के तौर पर:
दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर
कोलकाता में पेट्रोल ₹103.50 और डीजल ₹90.76
मुंबई में पेट्रोल ₹104 और डीजल ₹90
चेन्नई में पेट्रोल ₹100.75 और डीजल ₹92.34
भोपाल में पेट्रोल ₹106.52 और डीजल ₹91.89
जयपुर में पेट्रोल ₹104.72 और डीजल ₹90.21
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सबसे बड़ा हिस्सा टैक्स का होता है। वर्तमान में पेट्रोल पर बेस प्राइस करीब ₹52.83 प्रति लीटर और डीजल पर ₹53.75 प्रति लीटर है। इसके अलावा ढुलाई (ट्रांसपोर्टेशन) का खर्च पेट्रोल पर 24 पैसे और डीजल पर 26 पैसे आता है।
सरकार एक्साइज ड्यूटी के रूप में पेट्रोल पर ₹21.90 और डीजल पर ₹17.80 वसूलती है। वहीं, राज्य सरकारें पेट्रोल पर करीब ₹15.40 और डीजल पर ₹12.83 प्रति लीटर वैट लगाती हैं। इस तरह देखा जाए तो पेट्रोल पर कुल टैक्स करीब ₹37 और डीजल पर लगभग ₹31 बनता है।
अगर केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स में थोड़ी कमी करें, तो सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। परंतु, यह कठिन निर्णय है, क्योंकि टैक्स से सरकारों को बड़ी आमदनी होती है। यही वजह है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जानकारों के मुताबिक, फिलहाल तेल कंपनियां पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹12 से ₹15 और डीजल पर ₹6 से ₹12 तक का मुनाफा कमा रही हैं। चुनाव नजदीक देखते हुए सरकार पर कीमतें घटाने का दबाव भी बढ़ रहा है। खुद पेट्रोलियम मंत्री ने भी कहा कि अगर वैश्विक स्तर पर कोई बड़ा संकट न आए, तो आने वाले महीनों में पेट्रोल-डीजल सस्ते हो सकते हैं।
आम लोगों के लिए यह जरूर राहत भरी खबर हो सकती है, लेकिन असली राहत तभी मिलेगी जब सरकार टैक्स घटाने का ठोस फैसला लेगी।
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