पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा: “राज्य में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) जैसा कुछ नहीं होने देंगे, सब निश्चिंत रहें।”
अभिषेक बनर्जी का दावा: “इस बार भाजपा 50 सीट भी पार नहीं कर पाएगी।”
“हम भाजपा नेताओं से ‘जय बंग्ला’ बुलवाएंगे,” अभिषेक की चुनौती।
शहीद दिवस रैली में गरजीं ममता बनर्जी
21 जुलाई को कोलकाता में आयोजित तृणमूल कांग्रेस (TMC) की वार्षिक शहीद दिवस रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी ने विपक्ष पर तीखे हमले किए। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद के बीच ममता ने बंगाली भाषा के सम्मान की हुंकार भर दी।
उन्होंने कहा, “हम हिंदी, मराठी, गुजराती, राजस्थानी सभी भाषाओं से प्यार करते हैं, लेकिन भाजपा बंगाली का अपमान क्यों कर रही है? अगर बंगाली बोलने वालों को दूसरे राज्यों में परेशान किया गया या गिरफ्तार किया गया, तो मैं चुप नहीं बैठूंगी — दिल्ली तक जाऊंगी और लड़ाई लड़ूंगी।”
“ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा…”
ममता बनर्जी ने याद दिलाया कि पिछले 33 वर्षों से हर साल इस दिन को लोकतंत्र के लिए शहीद हुए लोगों की याद में मनाया जाता है। 1993 की उस घटना में जब 13 कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई थी, उसी की स्मृति में यह रैली आयोजित की जाती है। उन्होंने कहा, “ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक हम भाजपा को सत्ता से बाहर नहीं कर देते।”
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वोटर लिस्ट में हेराफेरी का आरोप
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (SIR) का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, “वही साजिश बंगाल में भी रची जा रही है। बिहार में हजारों लोगों का नाम काट दिया गया, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं होने देंगे। घेराव करेंगे, आंदोलन करेंगे।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर डिटेंशन कैंप बनाने और निर्दोष लोगों को जेल में डालने का भी आरोप लगाया।भाजपा बंगाली विरोधी क्यों?”
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब तृणमूल बनी थी, तब कहा गया था कि इसे गाय खा जाएगी, लेकिन तृणमूल को खत्म करना इतना आसान नहीं है। भाजपा बंगाली भाषा का विरोध क्यों कर रही है? ज़रूरत पड़ी तो फिर से भाषा आंदोलन छेड़ेंगे।”
“अब जवाब भी देंगे”
ममता बनर्जी ने समर्थकों से कहा, “जो हमें चोर कहेंगे, हम भी कहेंगे कि असली चोर और लुटेरे वही हैं — कोयले और गाय से पैसा खाने वाले।” उन्होंने बंगाल के स्वतंत्रता संग्राम में बंगालियों के योगदान की याद भी दिलाई।
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अभिषेक की हुंकार: “जय बांग्ला बुलवाऊंगा”
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “पहले भाजपा वाले ‘जय श्रीराम’ कहते थे, अब ‘जय मां दुर्गा’, ‘जय मां काली’ भी कहने लगे हैं। मैं भरोसे से कहता हूँ — 10 महीनों में यही लोग ‘जय बांग्ला’ भी कहेंगे।”
उन्होंने कहा, “इस बार संसद में हम बंगाली में बोलेंगे, देखते हैं कौन रोकता है। भाजपा दो ‘E’ चला रही है: EC (चुनाव आयोग) और ED (प्रवर्तन निदेशालय)।”
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भाजपा पर सीधा हमला
अभिषेक ने कहा, “भाजपा बंगाल में कभी जीत नहीं सकती क्योंकि ये बंगाली अस्मिता का अपमान करते हैं। हमने पहले ही कहा था कि ये 50 सीटें भी पार नहीं करेंगे और ऐसा ही होगा।”
निष्कर्ष:
इस बार शहीद दिवस रैली सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं रही — यह बंगाली अस्मिता, भाषा सम्मान और दिल्ली की सत्ता तक सीधी चुनौती देने वाला मंच बन गई। ममता और अभिषेक दोनों ने साफ संदेश दे दिया: “अगर बंगाल को दबाया गया, तो बंगाल फिर उठ खड़ा होगा!”
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