वार्ड नंबर-2 स्थित बीबीडी कॉलोनी से सामने आया एक सनसनीखेज मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया है।
25 जुलाई की शाम एक घर से मोबाइल चोरी होने की घटना ने असली चौंकाने वाला मोड़ तब लिया, जब 28 जुलाई को मोबाइल मालिक को पता चला कि उसी चोरी हुए मोबाइल से उनके यूपीआई अकाउंट से 42,000 रुपये किसी अज्ञात खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
पीड़ित ने तुरंत प्रधान नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ—यह रकम बिहार के अररिया जिले के रहने वाले 25 वर्षीय त्रिभुवन प्रसाद शाह के खाते में गई, जो इन दिनों सिलीगुड़ी में बतौर डिलीवरी बॉय काम कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया और 5 दिन की रिमांड मांगी, ताकि मामले की पूरी तह तक जांच की जा सके।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी ने बिना यूपीआई पिन, ओटीपी या किसी सुरक्षा कोड के इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी। इससे शक गहराया है कि आरोपी किसी बड़े साइबर गिरोह का हिस्सा हो सकता है।
फिलहाल असली मोबाइल चोर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसकी तलाश जारी है। यह घटना न सिर्फ चोरी का मामला है, बल्कि डिजिटल सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है कि आखिर बिना पिन या ओटीपी के एक स्मार्टफोन से इतना बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड कैसे मुमकिन हुआ।
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